भोपाल। भारत के सामने आज रक्षा के क्षेत्र में आंतरिक और बाहरी दोनो तरह की चुनौतियां है। देश की सुरक्षा को बाहरी चुनौतियां चीन और पाकिस्तान से है, जबकि आंतरिक चुनौतियां जेहादी और अलगाववादी हिंसा से है” माखनलाल चतुर्वेदी के जन्म दिवस पर आयोजित स्मृति व्याख्यान में सेवानिवृत्त लेफ्टिनेंट जनरल एस. के. सिन्हा ने ये विचार व्यक्त किए।“राष्ट्रीय सुरक्षा की चुनौतियां ” विषय पर विचार प्रकट करने के लिए सेवानिवृत्त लेफ्टिनेंट जनरल एस. के. सिन्हा, मध्य प्रदेश के वित्त मंत्री राघवजी, मध्य प्रदेश सूचना आयुक्त व सचिव जनसंपर्क के मनोज श्रीवास्तव और विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. ब्रजकिशोर कुठियाला इस अवसर पर खासतौर से उपस्थित थे।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि राघवजी ने कहा कि आज हर व्यक्ति चिंतित और आंदोलित है। ये देश का दुर्भाग्य है कि जो भौगोलिक अंश देश का अंग हुआ करते थे आज वो मोर्चा ताने खड़े हैं। भारत आज चुनौतियों से घिरा है। राष्ट्रीय सुरक्षा के मामलों में जनजागृति लानी होगी और इस काम में मीड़िया को महत्वपूर्ण भूमिका निभानी होगी।
विशिष्ट अतिथि मनोज श्रीवास्तव ने बताया कि हमें राष्ट्रीय सुरक्षा के सभी पहलुओं को समझने की आवश्यकता है। भारत खुले समाज वाला देश है इसलिए हमें आंतरिक सुरक्षा के सभी मामलों को गंभीरता से लेना चाहिए। वहीं कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे पी.पी.तिवारी ने कहा कि देश के सामने बाहरी और आंतरिक दोनों चुनौतियां हैं पर उन चुनौतियों से निपटने की क्षमता हम में है। इतिहास में कितने संकट आए, पर हम थे, हम हैं और हम रहेंगे।असम और जम्मू कश्मीर के राज्यपाल रह चुके सेवानिवृत्त लेफ्टिनेंट जनरल एस. के. सिन्हा ने कहा कि हिंसक आंदोलन से हमारी राष्ट्रीय सुरक्षा को खतरा है। चीन ने सिक्किम के प्रति अपना रवैया नरम किया है लेकिन अरुणाचल प्रदेश पर आज भी चीन अपना हक जताता है यह चिंता का विषय है।
कार्यक्रम में विश्वविद्यालय के पूर्व विद्यार्थियों एवं वरिष्ठ पत्रकारों के अनुभवों पर आधारित पुस्तक ‘दो दशक एक सफर एक पड़ाव” का विमोचन लेफ्टिनेंट जनरल श्री सिन्हा ने किया। पुस्तक का संपादन संस्थान के पूर्व छात्र व पत्रकार विजय मोहन तिवारी ने किया है। कार्यक्रम के अंत में विश्वविद्यालय की कुलाधिसचिव जे.आर.झणाणे ने आभार प्रदर्शन किया। कार्यक्रम का संचलान विश्वविद्यालय की व्याख्याता राखी तिवारी ने किया।
( अन्नी अंकिता की रिपोर्ट)
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