माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय ,भोपाल के जनसंचार विभाग के छात्रों द्वारा संचालित ब्लॉग ..ब्लाग पर व्यक्त विचार लेखकों के हैं। ब्लाग संचालकों की सहमति जरूरी नहीं। हम विचार स्वातंत्र्य का सम्मान करते हैं।
Monday, April 26, 2010
यह अग्निपरीक्षा का युग है¡
-शिशिर सिंह, जनसंचार सेमेस्टर-II
राम जी त्रेता युग के थे और हम कलियुग के हैं। आप कहेंगे कि इसमें क्या खास बात है। नहीं है ना। मैने तो इसे इसलिए लिखा कि मुझे कुछ तो लिखना था। तो जैसे एक कहावत है कि अंग्रेज चले गए पर अंग्रेजी छोड़ गए। वैसे ही एक और कहावत है कि सीता-राम चले गए पर अग्निपरीक्षा छोड़ गए। इसमें दो राय नहीं है कि हम उस राम-सीता वाले युग से कहीं आगे हैं। पर इस ‘अति’ आधुनिक (‘कलि)युग’ में भी अग्निपरीक्षायें होती हैं। सीताजी को अपने पूरे कार्यकाल (भाई हम तो कार्यकाल ही कहेंगे, अपनी इच्छा से मृत्यु तक को वरण करने की हैसियत रखने वाले लोग जीवनकाल पूरा नहीं करते, बल्कि कार्यकाल करते हैं।) में एक ही अग्निपरीक्षा देनी पड़ी थी। इस युग में एक नहीं अनेकों परीक्षायें देनी पड़ती है। अग्निपरीक्षा पिता से सच्चा प्यार करने की, मां के दुलारे होने की और सबसे महत्वपूर्ण इस बात की कि जो प्यार आप अपने रिश्तेदारों के इतर इधर-उधर बांट रहे हैं वह ‘सच्चा’ है। इस अग्निपरीक्षा का मंच है टेलीकॉम वर्ल्ड। भावनाओं से किस कदर घिनौना खेल खेला जाता है इससे वह लोग भलीभांति परिचित होंगे जो थोड़ा भी नाता ‘शॉर्ट मैसेजिंग सर्विस’(एसएमएस) से रखते हैं। पैसा बटोरने और खुद को बाजार में बनाये रखने की जरूरतों को पूरा करने के लिए ‘इमोशनल एसएमएस’ का यह खेल खेला जा रहा है। हाल ही में मुझे ‘सच्चे भारतीय’ होने का सबूत देना पड़ा। कारण सानिया पाकिस्तानी लड़के से निकाह कर रही थी। भारत माता(संस्कृति) चिढ़ गई। कारण भले ही हमारे यहां कि लड़कियां कनाड़ा, अमेरीकी देशों में जाकर बेगार और जानवरों की तरह जिंदा लाश बनी रहें पर उनको पाकिस्तान तो नहीं भेज जा सकते हैं ना। हमारी राष्ट्रीयता पर आंच आती है, हमें ठेस पहुंचती है! ऐसे-ऐसे मैसेज आए कि उन्हें सिर्फ पढ़ा जा सकता है, यहां पर लिखा नहीं जा सकता। वैसे भी मेरे दोस्त(जो कमेंट करेंगे) उसकी भाषा बढ़िया तरीके से जानते होगें केवल इसलिए नहीं कि हम युवा है बल्कि इसलिए कि मेरे पास वो मैसेज उनके माध्यम से ही आए थे। इसी तरह की समय-समय पर हमें कई अग्निपरीक्षायें देनी पड़ती है। कभी श्रवण कुमार होने की, कभी सच्चे दोस्ते होने की और अमूमन सच्चे प्रेमी होने की। इन सब कयावदों से जब काम नहीं चलता तब काम टेढ़ी उंगली कर निकाला जाता है। घरवालों की उम्र में इजाफा करवा लें, भगवान को नाराज न करें, उनकी कृपा को बनाए रखें। इस मैसेज को फॉरवर्ड जरुर करें वरना आपका सच्चा प्यार सच्चा नहीं रहेगा वो मिलेगा भी नहीं आदि-आदि। इन सबके अलावा कई समसमायिक घटनायें भी आपको खुद को साबित करने की इस दौड़ में अपना योगदान देती हैं, मसलन दंतेवाड़ा में हुए कायराना हमले में पुलिसकर्मी शहीद हुए, अगले दिन फिर परीक्षा देनी पड़ी।
ये समझ में आने लगा है कि ये सब टेलीकॉम कंपनियों के रहमोकरम पर ही होता है। इसके बावजूद मैं देश की सरकार, हमारे नेताओं से इस पर ध्यान देने की अपील बिल्कुल नहीं करुंगा। उन पर वैसे भी बहुत काम हैं।
(नोट : अगर आपने इस लेख को ध्यान से पढ़ा हो या इस अनुभव को झेला हो तो आप पायेंगे कि कभी आप पर इस बात को साबित करने की नौबत नहीं आई कि आप एक सच्चे पति या पत्नी हैं कि नहीं? यह एक अनुत्तरित प्रश्न भी हैं, कृपया उत्तर दें)
... और अंत में
छात्रों का ब्लाग है। जाहिर सी बात है दूसरी तरफ शिक्षक भी होंगे। कुछ मर्फी के नियम जिसके जरिए छात्रों के दर्दों का बयां (सभी तरह के शिक्षकों के लिए)...
प्रत्येक शिक्षक यह सोचता है कि विद्यार्थी के पास उसके द्वारा दिए गए गृहकार्य को करने के अलावा अन्य कोई कार्य नहीं होता है।
मुख्य (फाइनल) परीक्षा में पूछे जाने वाले प्रश्नों में से अस्सी प्रतिशत उस पुस्तक से आते हैं जिन्हें आपने नहीं पढ़ा तथा जिनके लैक्चर आपसे छूट चुके होते हैं।
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Witty one. Shishir.. I think we all are pestered with such forwarded messages that literally tests your nationality (Like agar aap sacche bhartiya hai to sabhi frnds ko sms kare), your fear (like- Sai Baba ki blessing, dnt ignore sms to at least 10 ppl) your committment (You get your true love.. send to your 10 closest pals)... blah blah... good one... Keep writing..
ReplyDeleteCheers
arpita
true one yaar i am also facing such a situation.what happens to our youth they are forwarding such type of sms.......we have take initiative of by stooping these kind sms by not forwarding them.
ReplyDeletealso yaar u becoming a good writer keep it up my friend
thank u so much arptia mam. ur these appreciation work as a boost for me. again thank u. maine aapke email adress ko khojne ki koshish ki nahi mila. so rply yahi dena pad rha hai. pls aap apna email ad de dijyega. my email ad is shi2r.si@gmail.com
ReplyDeleteNice one shishir, writing style bahut different hai, padh kar kaphi achha laga.
ReplyDeleteWow Shi2r..i nevr knew u r so gd with ur writing skills...proud of u..!!! can i borrow some from u??
ReplyDeletewha gurru tm to maje lekhak nikale.choti si bat ka bttagad bana diya lage raho guru sahi ja rahe ho.............
ReplyDeleteअनुभव को बडे अच्छे तरीके से पेश किया। पता नहीं कुछ लोग उटपटांग एसएमएस बनाने का ही धंधा करते हैं, ऐसा लगता है। मैं तो ध्यान ही नहीं देता ज्यादा पर डिस्टर्ब तो होता ही हूँ।
ReplyDeletebahot khoob.........
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