माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय ,भोपाल के जनसंचार विभाग के छात्रों द्वारा संचालित ब्लॉग ..ब्लाग पर व्यक्त विचार लेखकों के हैं। ब्लाग संचालकों की सहमति जरूरी नहीं। हम विचार स्वातंत्र्य का सम्मान करते हैं।
Saturday, July 18, 2009
वीओआई के दो नए चैनल
नई दिल्ली। साईं दरबार और वीओआई (बिहार-झारखंड), ये दो नए चैनल वीओआई ग्रुप लांच करने जा रहा है। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार वीओआई मिलनेयर नाम से जो चैनल लांच करने के लिए प्रस्तावित किया गया था, उसका नाम बदलकर साईं दरबार कर दिया गया है। इस चैनल का हेड बर्नाली दास को बनाया गया है। दूसरा चैनल बिहार और झारखंड का रीजनल न्यूज चैनल है। इसका नाम वीओआई (बिहार-झारखंड) है। इस चैनल का हेड मधुरेंद्र सिन्हा को बनाया गया है। मधुरेंद्र अभी तक इंडिया न्यूज में काम कर रहे थे। उन्होंने वीओआई ज्वाइन कर लिया है। सूत्रों का कहना है कि एक आंतरिक मेल जारी कर इन दोनों चैनलों और इनके हेड के बारे में जानकारी सभी वीओआईकर्मियों को दे दी गई है। सूत्रों का कहना है कि वीओआई के नए निदेशक अमित सिन्हा के नेतृत्व में वीओआई के सभी चैनलों की री-लांचिंग की तैयारी चल रही है। बताया जा रहा है कि साईं दरबार चैनल के लोगों को सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय से मंजूरी मिल गई है। यह चैनल शिरडी के साईं पर केंद्रित होगा। इसमें शिरडी से लाइव आरती और कार्यक्रम प्रसारित किए जाएंगे। शिरडी और साईं से जुड़ा सब कुछ इस चैनल पर उपलब्ध होगा। यह 24 घंटे का सैटेलाइट चैनल होगा। शिरडी के साईं बाबा के प्रति लोगों का नजरिया, साईं बाबा के जीवन, साईं बाबा से जुड़ी सामाजिक गतिविधियां, सोशल स्टोरीज, जीवन शैली से जुड़े मुद्दे इस चैनल पर प्रसारित होगा। इस पर बाबा से जुड़े सीरियल भी दिखाए जाएंगे। सूत्रों का कहना है कि शिरडी के ट्रस्ट के संचालकों और वीओआई के बीच प्रसारण को लेकर सहमति बन चुकी है और जल्द ही दोनों पक्ष एक लिखित समझौते पर हस्ताक्षर करेंगे। इस चैनल को पहला सोशल और स्प्रिचुअल इशूज पर केंद्रित चैनल बताया जा रहा है। उधर, वीओआई बिहार-झारखंड के आने पर वीओआई के रीजनल चैनलों की संख्या पांच हो जाएगी। अभी तक वीओआई (एमपी-सीजी), वीओआई (यूपी-उत्तराखंड), वीओआई (राजस्थान), वीओआई (हरियाणा, पंजाब, हिमाचल) चैनल चल रहे हैं। वीओआई नेशनल चैनल समेत पांचों न्यूज चैनलों और साईं दरबार चैनल की री-लांचिंग के लिए प्रबंधन ने रणनीति बना ली है।
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