Saturday, May 8, 2010

शाबाश‍….!! ललित मोदी

- कुंदन पाण्डेय
ललित मोदी ने ट्विटर से आईपीएल की गंदगी को साफ किया। इस गंदगी को साफ करते हुए मोदी खुद साफ सुथरे होते हुए गंदे हो गए और अपने क्रिकेट कैरियर को कुर्बान कर दिया । दूसरे शब्दों में अपने क्रिकेट कैरियर में वीरगति को प्राप्त हुए। ललित मोदी इसके लिए बधाई और साधुवाद के पात्र हैं। ऐसा पढ़कर आप को बहुत अटपटा लग रहा होगा। प्रस्तुत हैं अभी तक दोषी सिद्ध न हुए मोदी के पक्ष में कुछ तर्क। यदि मोदी ने यह रहस्योदघाटन न किया होता तो कि शशि थरुर की महिला मित्र सुनंदा पुष्कर को कोच्ची फ्रेंचाइजी में कुछ प्रतिशत हिस्सेदारी मिली है तो आईपीएल में तथाकथित भष्टाचार का खुलासा नहीं हुआ होता।
मोदी के खुलासे से पूर्व बीसीसीआई व केन्द्र सरकार ने इस पर कभी भी गंभीरता से ध्यान नहीं दिया कि आईपीएल के 3 सत्रों का आयोजन ठाक-ठाक बिना भ्रष्टाचार के हुए हैं कि नहीं। भारत सरकार ने हमेशा के लिए ठोकर लगने पर ही सम्हलकर चलने की आदत सी बना ली है, जैसे मुम्बई हमले के उपरांत समुद्री सीमा की रक्षा के कड़े उपाय किये गये ,संगठित अपराधों व आतंकवाद से निपटने के लिए राष्ट्रीय जाँच एजेंसी बनाई गई। उससे पहले सरकार ने इस तरह का कोई ठोस उपाय ही नहीं किया कि समुद्री सीमा से हमले न हो सके और कमांड़ों फोर्स भारत के किसी भी बड़े शहर में शीघ्रतिशीघ्र पहुँच सके।
आईपीएल की फ्रेंचाइजी टीमों को बड़े पैमाने पर अनुबंध राशि देकर कौन-कौन खरीद रहा है, एक टीम में कितने लोगों के मालिकाना शेयर हैं। इन लोगों के पास इतना धन कहाँ से आ रहा है से ज्यादा महत्वपूर्ण है यह लोग आईपीएल में इतना निवेश क्यों कर रहे हैं। इस बात की प्रबल संभावना है जताई जा रही है कि केन्द्र सरकार के प्रमुख सहयोगी राकांपा के दोनों शीर्ष नेता शरद पवार व प्रफुल्ल पटेल इस आईपीएल गड़बड़ी में अवश्य फँसेगें। केन्द्र सरकार बार-बार कमजोर, नकारा और स्तरहीन विपक्ष के हाथ में ऐसे मुद्दे थमाती जा रही है जिस पर वह बुरी तरह फँसी हुई प्रतीत हो रही है।
सरकार ने आईपीएल विवाद से पूर्व फ्रेंचाईजी मालिकों के यहाँ आयकर व प्रवर्तन निदेशालय के छापे ड़ालने की आज्ञा क्यों नहीं दी….??

1 comment:

  1. bahut achha likhe ho, bahut mazedar hai, great going man........

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