Monday, May 10, 2010

अब निर्णायक जंग की जरूरत


नक्सली जिस तरह एक के बाद एक हमले करके राजसत्ता को चुनौती दे रहे हैं ऐसे में सरकारों के सामने किंतु-परंतु और नाहक विमर्श का समय नहीं बचा है। आखिर हमने अपने नौजवानों को क्यों मौत के मुंह में डाल रखा है। खुफिया सूचनाओं और रेडअलर्ट के बावजूद हमारी सरकारें नक्सली हमलों से जवानों को बचा पाने में विफल साबित हो रही हैं। छत्तीसगढ़ में लगातार एक माह के भीतर दो बार सीआरपीएफ जवानों पर हुए हमले ने साबित किया है, हमने बिना किसी रणनीति के अपने जवानो को मौत के मुहाने पर झोंक दिया है।

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