Wednesday, May 19, 2010

कब तक दहलेगा दंतेवाडा


-पवित्रा भंडारी

एक बार फिर नक्सलियों ने अपनी ताकत और उपस्थिती का एहसास करा दिया है । इस बार भी उन्होंने छत्तीसगढ़ के उसी दंतेवाडा जिले को अपना शिकार बनाया जिसको सुरक्षा के लिहाज से हाई अलर्ट घोषित किया गया था। इस बार नक्सलियों ने एक निज़ी यात्री बस को बारुदी सुरंग से उडाया जिसमें फोर्स और एसपीओ सहित 50 लोग मारे गए।
सवा महिने के भीतर यह तीसरी बडी घटना है, जिसमें नक्सलियों ने अपनी ताकत को दर्शाया है। इससे पहले नक्सलियों ने 76 जवानों को मौत के घाट उतार दिया और बीजापुर में 8 सीआरपीएफ के जवानों को भी मौत के मुहँ में धकेल दिया। दंतेवाडा में हुए इस नक्सली हमले से एक बार फिर सरकार और सुरक्षा की नाकामी की पुष्टि हो गई। नक्सलियों ने इस घटना को अंजाम देकर केन्द्र को चुनौती तो दे दी है पर प्रश्न यह उठता है कि क्या केन्द्र इस चुनौती से निपटने के लिए कोई कडे इंतजाम करती है या दंतेवाडा को नक्सली आग में दहकता छोड़ देती है।

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