माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय ,भोपाल के जनसंचार विभाग के छात्रों द्वारा संचालित ब्लॉग ..ब्लाग पर व्यक्त विचार लेखकों के हैं। ब्लाग संचालकों की सहमति जरूरी नहीं। हम विचार स्वातंत्र्य का सम्मान करते हैं।
Wednesday, October 20, 2010
मैं नक्सली हूँ......!!
साकेत नारायण
MAMC III SEM
भोपाल,20अक्टूबर 2010
आज नही पर काफी दिनों से मुझे ये सवाल परेशान कर रहा है कि क्युँ मै नक्सली हूँ? मै नही जानता पर ऐसा हैं। मै सोचता हूँ क्या मै एक नक्सली जन्मा था? पता नहीं पर मेरी माँ ने तो मुझे अपने जिगर के टुकड़े के तरह ही पाला और हमेशा अपने आँखों का तारा बना कर रखा तो क्युँ मै आज एक नक्सली हूँ?
लोग मुझे नक्सली कहते हैं, परंतु मैनें इसकी कोई शिक्षा नहीं ली हैं। आज मैं स्कूलो के भवन गिराता हूँ पर मेरे अध्यापको ने मुझे कभी ऐसी शिक्षा नही दी। मैने भी अपने भविष्य के लिए सपना देखा था, परंतु आज मै दूसरो के सपने उजाड़ता हूँ। मै क्युँ एक नक्सली हूँ, कोई क्युँ नक्सली बनता है? मै हमेशा ये सोचता हूँ की आखिर ऐसा क्युँ है और मै निरतंर इन प्रश्नों के उत्तर ढूँढ़ने का प्रयास करता हूँ। आज देश ही नहीं पूरा विश्व मुझे नक्सली कहता है, पर न कोई ये जानना चाहता है और न ही इस बारे में चर्चा करना चाहता है की आख़िर मैं और मुझ जैसे अनेक नक्सली क्युँ बने?
एक लड़ाई या यूँ कहे विरोध करने का तरीका जिसे कानु सान्याल ने शुरु किया था, मै उस लड़ाई का ही एक सिपाही हूँ। अब हूँ नहीं था, क्योंकि अब मै एक नक्सली हूँ। हाँ मै बुरा हूँ पर क्या मै अपने नेताओं और सिस्टम के आगे बौना नहीं लगता? मै ये तर्क इस लिए नहीं दे रहा हूँ क्योंकि मुझें खुद को सही और दूसरों को गलत साबित करना है। मै तो बस ये बताना चाहता हूँ की मुझ मे और मेरे जैसे दूसरों में भी कोई बात हैं, बहुत कम लोग ही खुद से नक्सली बनते हैं ज्य़ादातर तो परिस्थिती के कारण मजबूरी में इस राह पर चलते हैं। मै ये मानता हूँ कि मै कमजोर हूँ, मुझ मे सहन शक्ति कम है, मुझ मे परिस्थिती से लड़ने की ताकत नही है इसलिए तो मै नक्सली हूँ।
मेरी राय में............
मैंने इस विषय पर इसलिए नही लिखा की मै नक्सलवाद का समर्थक हूँ या ये विचारधारा मुझे पसंद हैं। वैसे कोई विचारधारा सही और गलत नही होती है, हम उसके अनुशरण करने वाले उसे सही और गलत का स्वरुप देते हैं। मैने तो इस विषय पर बस इस लिएलिखा क्योंकि मुझे लगता है कि हमे एक बार इस पहलु पर भी सोचना चाहिए..........
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ReplyDelete*first hota firts nahi
ReplyDelete* emanating from core of your heart hota hai
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