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हाल ही में किए गए एक अध्ययन में पता चला है फेसबुक जैसी साइटों पर ज्यादा वक्त बिताने वाले बच्चे पढ़ाई में पिछड़ जाते हैं और उन्हें अन्य बच्चों की तुलना में 20 फीसदी कम अंक प्राप्त होते हैं। ये आंकड़े ब्रिटेन के हैं, लेकिन इससे भारत के विद्यार्थियों को भी सचेत हो जाना चाहिए। इंटरनेट और तमाम नेटवर्किंग साइटें तभी उपयोगी हैं, जब उन्हे मनबहलाव या चैटिंग से ज्यादा शिक्षा के साधन की तरह उपयोग किया जाय। सर्च इंजिनों का सही इस्तेमाल करने वाले बच्चे कक्षा में पिछड़ नही सकते। अति हर चीज की बुरी होती है और बेकार की सूचनाओं की अति तो निश्चित ही बुरी है।
साभार दैनिक भाष्कर
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