माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय ,भोपाल के जनसंचार विभाग के छात्रों द्वारा संचालित ब्लॉग ..ब्लाग पर व्यक्त विचार लेखकों के हैं। ब्लाग संचालकों की सहमति जरूरी नहीं। हम विचार स्वातंत्र्य का सम्मान करते हैं।
Tuesday, August 4, 2009
कारपोरेट कम्युनिकेशन संभावनाओं से भरी दुनिया
भोपाल, 4 अगस्त। कारपोरेट कम्युनिकेशन संभावनाओं से भरी दुनिया है जिसके लिए नए विचारों से भरे युवाओं की जरूरत है। ये विचार चीन में निकाई ग्रुप आफ कंपनीज के सीनियर मैनेजर डा. अभिषेक गर्ग ने व्यक्त किए। वे यहां माखनलाल चतुर्वेदी पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय, भोपाल के जनसंचार विभाग में आयोजित एक कार्यक्रम छात्रों से संवाद कर रहे थे।
श्री गर्ग ने कहा कारपोरेट के कामकाज के तरीकों की जानकारी देते हुए विद्यार्थियों से आग्रह किया कि वे बदलती दुनिया और बदलते कारपोरेट के मद्देनजर खुद को तैयार करें। उन्होंने चीन की बाजार व्यवस्था की तमाम विशेषताओं का जिक्र करते हुए कहा कि अब दुनिया की तमाम कंपनियां भारत और चीन जैसे देशों के बड़े बाजार की ओर आकर्षित हो रही हैं और वे इन देशों के ग्रामीण बाजार में अपनी संभावनाएं तलाश रही हैं। उन्होंने कहा कि भारत जैसे विशाल, बहुभाषी और बहुसांस्कृतिक देश में कारपोरेट कम्युनिकेशन का महत्व बहुत बढ़ जाता है कि क्योंकि इतने विविध स्तरीय समाज को एक साथ संबोधित करना आसान नहीं होता। ऐसे में भारतीय बाजार की संभावनाएं अभी पूरी तरह से प्रकट नहीं हुयी हैं। उन्होंने कहा कि ऐसे में एडवरटाइजिंग, कम्युनिकेशन और पब्लिसिटी के तमाम नए तरीकों पर संवाद जरूरी है। नए लोग, नए विचारों के साथ आगे आते हैं और नए विचार ही नए ग्राहक को संबोधित कर सकते हैं।
कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे जनसंपर्क विभाग के अध्यक्ष डा. पवित्र श्रीवास्तव ने कहा कि कम्युनिकेशन की किसी भी विधा में काम करने के लिए जरूरी यह है कि आप खुद को अपने परिवेश, दुनिया-जहान के संदर्भों पर अपडेट रखें, क्योंकि यही संदर्भ किसी भी कम्युनिकेटर को महत्वपूर्ण बनाते हैं। प्रारंभ में जनसंचार विभाग के अध्यक्ष संजय द्विवेदी ने अतिथियों का स्वागत किया। आभार प्रदर्शन जनसंचार की व्याख्याता मोनिका वर्मा ने तथा संचालन छात्रा ऐनी अंकिता ने किया। इस मौके पर जनसंपर्क विभाग की प्रवक्ता मीता उज्जैन, जया सुरजानी, शलभ श्रीवास्तव और जनसंचार तथा जनसंपर्क विभाग के छात्र-छात्राएं मौजूद थे।
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
No comments:
Post a Comment