भोपाल, 17 सितंबर,2011। सार्थक शनिवार के इस हफ्ते के आयोजन में कुलपति प्रो. बृजकिशोर कुठियाला ने वैश्विक परिदृश्य और भारत जापान संबंध विषय पर अपने विचार व्यक्त किए। उन्होंने कहा कि बदलती दुनिया में भारत-जापान मिलकर वैश्विक चुनौतियों का मुकाबला कर सकते है क्योंकि दोनों देशों मे कई जोड़ने वाले बिंदु मौजूद हैं। इससे विश्वशांति और सद्भाव को भी बढ़ावा मिलेगा। उन्होंने कहा जापान और भारत दोनों मिलकर एक नई दुनिया बना सकते हैं, जहां सबको साथ मिलकर काम करने और प्रगति करने के अवसर होंगें। उन्होंने कहा कि भारत और जापान का मीडिया एक सक्रिय भूमिका निभाकर रिश्तों में पुल का काम कर सकता है। इस मौके पर प्रो. कुठियाला ने छात्रों के सवालों के जबाव भी दिए।
दूसरे सत्र में विद्यार्थियों ने क्विज के माध्यम से ज्ञान और सूचनाओं के संसार का आनंद लिया तो तीसरे सत्र में सांस्कृतिक प्रस्तुतियां दीं। इनमें सर्वश्री अभिषेक झा, पुनीत पाण्डेय,विकास मिश्र, मिलन भार्गव,साजिया परवीन खान, योगिता राठौर, मनीषा तोमर, सुमित रंजन, चिरंजीवी थापा, विकास गौर, सौरभ पवार, मनीष दुबे, सद्दाम हुसैन मंसूरी, अनुतोष ने अपनी प्रस्तुतियां दीं। कार्यक्रम का संचालन तृषा गौर और शिल्पा अग्रवाल ने किया। कार्यक्रम में विभाग के प्राध्यापकगण डा. राखी तिवारी, गरिमा पटेल, पूर्णेंदु शुक्ल,प्रशांत पाराशर मौजूद रहे। अंत में विभागाध्यक्ष संजय द्विवेदी ने विद्यार्थियों की प्रस्तुति की सराहना की और कहा कि सार्थक शनिवार को आप सबने सार्थकता प्रदान की है।
कुलपति सर की दृष्टि अनोखी है, उन्होंने जापान के आम जन - जीवन को बहुत बारीकी से समझा है. वाकई जापानियों के अनुशासन से हमें सबक लेना चाहिए.
ReplyDeletejapan ki rastrabhkti ki bhavnao ko bata kar kulpati sir ne,hamare andar v rastra prabala prem ki bhavana ko aur adhik prabal bana diya hai
ReplyDelete.....thnku sir