Monday, October 26, 2009

यूटोपिया



नीलेश रघुवंशी

जन्म
04 अगस्त, 1969, गंज बासौद(म.प्र.)





यूटोपिया

उसने अपनी जेब में
इतने अहंकार से हाथ डाला कि
उस पल मुझे लगा
काश! किसी के पास जेब न होती
तो कितना अछ्छा होता
आख़िर क्यों हो किसी के पास जेब?
मैं एक यूटोपिया में प्रवेश करने जा रही हू`ं
बंजारा खानबदोश जिप्सी नो मेंस लैण्ड
कुछ भी कह लो मुझे
अपने इस यूटोपिया में
बिना जेब के हूँ मैं
खालीपन मुझे अच्छा लगता है
तिस पर
जेब के खालीपन के तो कहने ही क्या...
क्यों बढ़ा रही हूँ बात को इतना
कहना चाहिए कभी-कभी
कलेजे को चीरती
सीधी-सच्ची दो टूक बात
आख़िर क्यों हो किसी के पास जेब?

2 comments:

  1. क्यों हो किसी के पास जेब

    ...बात निकलेगी तो फिर दूर तलक जायेगी.

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  2. wah aakhir kyu ho kisi ke paas khali jeb ..bahut badiya
    jyotishkishore.blogspot.com

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