माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय ,भोपाल के जनसंचार विभाग के छात्रों द्वारा संचालित ब्लॉग ..ब्लाग पर व्यक्त विचार लेखकों के हैं। ब्लाग संचालकों की सहमति जरूरी नहीं। हम विचार स्वातंत्र्य का सम्मान करते हैं।
Thursday, June 25, 2009
उप्पल के जाने का दुःख ..!
उप्पल मैम हमारे लिए एक ग्रन्थ थीं ...हमने जितना उनसे सीखा ,शायद ही कहीं सीखा हो ।
uppal madam is like a classical novel/film....... every batch of mass communication will get her new description........ and this will go till infinity.... bcoz classics never no more
आना और जाना दुनिया की रीत है।
ReplyDeleteuppal madam is like a classical novel/film....... every batch of mass communication will get her new description........ and this will go till infinity.... bcoz classics never no more
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