Thursday, June 25, 2009

उप्पल के जाने का दुःख ..!


उप्पल मैम हमारे लिए एक ग्रन्थ थीं ...हमने जितना उनसे सीखा ,शायद ही कहीं सीखा हो ।

हम सब उस दिन ...बहुत पीड़ा में थे ..

2 comments:

  1. आना और जाना दुनिया की रीत है।

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  2. uppal madam is like a classical novel/film....... every batch of mass communication will get her new description........ and this will go till infinity.... bcoz classics never no more

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