-बालेन्दु शर्मा दाधीच
इन दिनों तकनीकी दुनिया में वेब डेवलपमेंट की भाषा एचटीएमएल के ताजातरीन संस्करण (एचटीएमएल 5) के चर्चे जोरों पर है। कहा जा रहा है कि इसके प्रचलन में आने के बाद वेबसाइटों, पोर्टलों और वेब आधारित सेवाओं की शक्ल बदल जाएगी। वे ज्यादा उपयोगी, तेज.तर्रार और आकर्षक रूप ले लेंगी। एचटीएमएल 5 का एक दिलचस्प पहलू यह है कि इसमें बनी कई सेवाओं को हम इंटरनेट कनेक्शन बंद होने के बाद भी इस्तेमाल कर सकेंगे। जैसे गूगल एप्स के तहत इंटरनेट के जरिए इस्तेमाल किए जाने वाले कुछ एप्लीकेशंस (गूगल डॉक्स, जीमेल, गूगल वीडियो आदि)। क्या यह आश्चयर्जनक नहीं लगता कि इंटरनेट कनेक्शन के बिना भी आप जीमेल का इस्तेमाल कर सकें? माना कि नई ईमेल बिना इंटरनेट कनेक्शन के नहीं आ सकती, लेकिन अब तक आई हुई सारी ईमेल को तो आप देख.पढ़ सकेंगे! साल भर पुराने किसी ईमेल संदेश के साथ आए अटैचमेंट की जरूरत पड़ गई? कोई बात नहीं इंटरनेट कनेक्शन के बिना ही डाउनलोड कर लीजिए!
एचटीएमएल 5 (हाइपर टेक्स्ट मार्कअप लैंग्वेज) वह बुनियादी भाषा है जिसे इंटरनेट एक्सप्लोरर, फायरफॉक्स और क्रोम जैसे ब्राउज़र समझ पाते हैं। वे इस तकनीकी भाषा में लिखी हुई इबारतों को इंसानों के समझने लायक वेब पेजों के रूप में दिखाते हैं। आपने पीएचपी, एएसपी॰नेट, जेएसपी, कोल्ड यूज़न और इनसे मिलती.जुलती कुछ और आधुनिक भाषाओं के बारे में सुना या पढ़ा होगा। ये भाषाएं सवर्र साइड भाषाएं कहलाती हैं और हमारा ब्राउज़र इन्हें नहीं समझता। जब इन भाषाओं में लिखे हुए कोड को वेब सवर्र द्वारा एचटीएमएल में बदलकर पेश किया जाता है, तभी वे इंटरनेट एक्सप्लोरर पर वेब पेजों की शक्ल में दिखाई देते हैं। चूंकि आप.हम अप्रत्यक्ष रूप से एचटीएमएल कोड को ही एक्सेस करते हैं इसलिए इस कोड की कमियां और अच्छाइयां सामान्य वेब उपयोक्ता को प्रभावित करती हैं।
वेब की यह नई भाषा वेबसाइटों में ड्रैग एंड ड्रॉप और वीडियो प्लेबैक जैसी सुविधाएं शामिल करना आसान बना देगी। आईफोन पर इसी तकनीक के जरिए ऑफलाइन जीमेल सुविधा की शुरूआत हो चुकी है।
एचटीएमएल 5 की जिस अच्छाई का हमने ऊपर जिक्र किया (ऑफलाइन ब्राउजि़ंग), वह इसलिए संभव हुई क्योंकि एचटीएमएल 5 उपयोक्ता के कंप्यूटर पर बड़ी मात्रा में डेटा स्टोर करके रखने में सक्षम है। इसके लिए लोकल डेटाबेस स्टोरेज नामक नई तकनीक की शुरूआत हुई है। इंटरनेट कनेक्शन बंद होने पर वही डेटा हमें उपलब्ध हो जाता है। लेकिन उसकी इसी 'अच्छाई' ने प्राइवेसी और सिक्यूरिटी के पंडितों की नींद हराम कर दी है क्योंकि आपके कंप्यूटर पर रखे गए डेटा को गलत तत्व भी एक्सेस कर सकते हैं। एचटीएमएल 5 से पहले भी वेबसाइटें आपके कंप्यूटर में 'कुकीज' के रूप में सीमित मात्रा में कुछ सूचनाएं स्टोर करके रखने में सक्षम थीं। लेकिन नई वेब भाषा की बात अलग है। इसमें 'एवरकुकी' भी शामिल है, जिसमें रखी हुई सूचनाओं को डिलीट करना बहुत मुश्किल है। इंटरनेट पर सक्रिय हैकरों और अपराधी तत्वों के लिए यह आपकी निजी सूचनाओं का खजाना सिद्ध हो सकता है।
ये सूचनाएं कैसी हो सकती हैं? बानगी देखिए. आपके द्वारा वेबसाइटों पर डाली गई जानकारी, आपके शहर या कस्बे संबंधी सूचनाएं, फोटो, इंटरनेट पर खरीदी गई वस्तुओं की जानकारी, आपके ईमेल संदेश और पिछले कई महीनों के दौरान आप जिस.जिस वेबसाइट पर गए उसकी जानकारी। सिद्धहस्त हैकर यही सूचनाएं पाने के लिए वायरसों और स्पाईवेयर का इस्तेमाल किया करते थे। क्या एचटीएमएल 5 उनका काम और आसान नहीं बना देगी? आज हम इंटरनेट ब्राउज़रों द्वारा स्टोर की गई सूचनाओं को बहुत आसानी से डिलीट कर सकते हैं। लेकिन 'एवरकुकी' जैसे कुकीज के मामले में यह आसान नहीं होगा क्योंकि वे इन सूचनाओं को चित्रों, लैश फाइलों या दूसरे फॉरमैट में भी रख सकते हैं। यहां तक कि डिलीट कर दिए गए डेटा को भी दोबारा पैदा करने में सक्षम हैं।
एचटीएमएल 5 का प्रायोगिक इस्तेमाल शुरू हो चुका है। बहुत जल्दी सभी वेब ब्राउज़र इसका समर्थन करने लगेंगे। इंटरनेट आपके लिए पहले से ज्यादा लुभावना हो जाएगा, मगर प्राइवेसी? अगर जरूरी संशोधन नहीं किए गए तो वेब की नई भाषा हम सबके लिए नई समस्याएं पैदा कर सकती है।
(लेखक प्रभासाक्षी डाट काम के संपादक हैं)
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