Monday, September 24, 2012

सार्थक शनिवार ने कहा, एफडीआई डायन खाए जात है

                       पूरे देश में एफडीआई के प्रति दिख रहा रोष इस बार जनसंचार विभाग के सार्थक शनिवार में भी देखने को मिला | विरोध को प्रतीकात्मक रूप में काले रंग का ड्रेस कोड निर्धारित करके दर्ज किया गया |              कार्यक्रम की शुरुआत हुई क्विज़ से जिसका संचालन बीएएमसी के मनीष दुबे और नूह-अली-अफरीदी ने किया | इसके पश्चात 'इस हफ़्ते की किताब' में एमएएमसी की राखी सिन्हा ने कश्मीर में रह रहे लोगों के हालात पर बशरत पीर की पुस्तक 'कर्फ्यूड नाईट' की समीक्षा प्रस्तुत की |
                       सांस्कृतिक कार्यक्रमों की जगह इस बार एक वाद-विवाद प्रतियोगिता की गई जिसका विषय था 'खुदरा क्षेत्र में एफडीआई देश के लिए वरदान है|' पक्ष व विपक्ष दोनों में ही प्रतिभागियों ने अपने विचार रखे | प्रतियोगिता वाकई देखने लायक रही | एफडीआई के कारण उपज रही बेरोज़गारी, महँगाई जैसी कई अन्य समस्याओं पर विचार विमर्श हुआ | एक स्वर से अधिकतर लोग एफडीआई के विरोध में ही रहे | फिर भी प्रतियोगिता को संतुलित व द्विपक्षीय रखने के लिए कुछ प्रतिभागियों ने एफडीआई के समर्थन में सरकार का भी पक्ष रखकर इसकी ज़रूरतों से अवगत कराने का सराहनीय प्रयास किया | 
       प्रतियोगिता के विजेता रहे बीएएमसी-३ के गीत सोनी (प्रथम), बीएएमसी-१ के अभिषेक मिश्र (द्वितीय) और एमएएमसी-१ के प्रवीण झा (तृतीय) | निर्णायक भूमिका अदा की पल्लवी रंजन, चिरंजीवी थापा और अंकुर व्यास ने | 
       प्रतियोगिता के अंत में विभागाध्यक्ष श्री संजय द्विवेदी ने अपने महत्वपूर्ण उद्बोधन से विषय पर और अधिक प्रकाश डाला | श्रीमती राखी तिवारी, श्रीमती गरिमा पटेल, श्री संजीव गुप्ता और श्री सुरेंद्र पाल सहित अन्य शिक्षक भी कार्यक्रम में उपस्थित रहे | कार्यक्रम का संचालन बीएएमसी-५ की प्रगति तिवारी व रूपाली सिंघल ने किया | अंत में प्रवीण झा ने विभागाध्यक्ष संजय द्विवेदी को एक मधुबनी चित्र भेंट किया और शिल्पा अग्रवाल ने एक हरियाणवी लोकगीत गा कर कार्यक्रम का समापन किया |


-मधुपुरुष सुमित रंजन 
























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