Wednesday, August 1, 2012

भविष्य की ओर देखे पत्रकारिताः जितात्मतानंद


         पत्रकारिता विश्वविद्यालय का सत्रारंभ समारोह 
भोपाल,1 अगस्त। देश के प्रख्यात संत स्वामी जितात्मतानंद का कहना है कि पत्रकारिता को समस्याओ का समाधान देने वाला बनना होगा और अपनी ताकत का इस्तेमाल लोगों के लिए भले के लिए करना चाहिए। वे यहां माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय के सत्रारंभ समारोह के मुख्यअतिथि की आसंदी से बोल रहे थे। कार्यक्रम का विषय था मीडिया और नैतिक मूल्य
   उन्होंने कहा कि भविष्योन्मुखी पत्रकारिता ही लोगों के सवालों का जवाब बन सकती है। मीडिया की जिम्मेदारी न सिर्फ भविष्य की ओर देखना है, वरन उसे सुखद बनाने के लिए वातावरण बनाना भी है। स्वामी जितात्मतानंद ने कहा कि एकता से ही नैतिकता पनपती है। ऐसे में शिक्षा में ऐसे मूल्यों का होना जरूरी है जो हमें एकत्व का पाठ पढ़ाएं। शिक्षा ही हमें प्रेम करना और संवेदनशील होना सिखा सकती है। शांति, प्रसन्नता और वैभव तभी आएगा, जब समाज में एकता होगी। उनका कहना था कि जैसा हमारी शिक्षा ने हमें बनाया है हम वैसे ही बने हैं। जबकि हमें पता है कि पैसा कमाने से शांति नहीं पाई जा सकती जबकि आधुनिक शिक्षा हमें धनपशु ही बना रही है। उन्होंने कहा कि दुनिया को बदलने का काम पैसे वालों ने नहीं किया क्योंकि हमें नहीं पता कि महात्मा गांधी और नेल्सन मंडेला के पास कितना पैसा था। नेल्सन मंडेला 27 साल जेल में रहे यह बताता है कि दुनिया सपनों और संघर्षों को याद रखती है। प्रेम के विचार का प्रसार करने वाले और दूसरों के लिए सोचने वाले हमेशा सुखी रहते हैं। जाहिर तौर पर हमें प्रसन्नता और पूर्णता के सूत्रों की तलाश करनी होगी। पैसे के लिए, सत्ता के लिए संघर्ष हमें अंततः एक पशु में बदल देता है।
  उन्होंने कहा कि देश के तमाम विश्वविद्यालयों को अपने केंद्रों पर ध्यान केंद्र खोलने चाहिए उससे भारतीय मेघा और प्रतिभा का विस्तार होगा। इससे एक नई चेतना होगी और युवा शक्ति को एक नया तेज मिलेगा। इसी से एक नया भारत खड़ा होगा। उनका कहना था कि भारतीय प्रतिभा और मेघा को पुनः विश्वपटल पर स्थापित सिर्फ उसकी आध्यात्मिक और नैतिक शक्ति कर सकती है। पत्रकारों के पास ऐसे अवसर नित्य हैं कि वे समाज की सेवा कर सकते हैं। लेखन भी एक पूजा है क्योंकि किसी भी लेखन की सार्थकता तभी है जब वह समाज के हितों के अनूकूल हो। लेखन तब देश के लोगों की सेवा में बदल जाता है- जब उसके उद्देश्य व्यापक होते हैं, सरोकारी होते हैं।
  इस अवसर पर प्रदेश के उच्चशिक्षा और जनसंपर्क मंत्री लक्ष्मीकांत शर्मा ने विश्वविद्यालय के नए विद्यार्थियों को अपनी शुभकामनाएं दी और उम्मीद जतायी कि वे अपने बेहतर भविष्य के लिए ज्यादा धैर्य और समर्पण के साथ काम करेंगें। उन्होंने कहा कि मीडिया जैसे जिम्मेदार प्रोफेशन में आ रही पीढ़ी की जिम्मेदारियां बहुत बड़ी हैं।  कुलपति प्रो.बृजकिशोर कुठियाला ने कहा कि सत्रारंभ के माध्यम से जीवन लिए दिशाबोध देने का काम स्वामी जी ने किया है। उन्होंने जो कहा है उससे हम सीखें और उस दिशा में चलें तो सत्रारंभ सार्थक होगा। कार्यक्रम में पत्रकार रामभुवन सिंह कुशवाह, शिवशंकर पटैरया, दीपक शर्मा, अनिल सौमित्र, अभय प्रधान सहित विश्वविद्यालय के अध्यापक, छात्र एवं अधिकारी मौजूद रहे।

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